हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है -

संध्या का झुटपुट -

बाँसों का झुरमुट -

है चहक रहीं चिड़ियाँ

टी-वी-टी--टुट्-टुट्

ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा ? लिखिए।

'सर्वेश्वरदयाल सक्सेना' जी द्वारा रचित कविता में संध्या कालीन दृश्य को किसान के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है तथा 'सुमित्रानंदन पंत' जी ने अपनी कविता में संध्याकालीन दृश्य में पक्षियों के आवाज़ को प्रधानता दी है।

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना जी द्वारा रचित कविता कल्पना प्रधान है परन्तु सुमित्रानंदन पंत जी की कविता में वास्तविकता की झलक देखने को मिलती है।

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