कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा ? चालीस - पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
कहानी के अंत में हमने पढ़ा कि सेठ की सभी चेष्टाओं के बावजूद नन्ही चिड़िया सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने में सफल होती है। यह कहानी का सुखद अंत है। यदि ऐसा नहीं होता तो कहानी का अंत अत्यंत दुखद होता और ऐसा प्रतीत होता है कि अच्छाई पर बुराई की जीत हो गई। परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता और चिड़िया सुरक्षित अपनी माँ के पास पहुँच जाती है। चिड़िया के अस्तित्व की सफलता उसके बंधन मुक्त होकर स्वच्छंदता पूर्वक आकाश में उड़ने में है। वह अपने परिवार तथा अपनी माँ का स्नेह पाकर खुश रहती है।