काव्य - सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
( क ) किस दावानल की ज्वालाएँ हैं दीखीं ?
( ख ) तेरे गीत कहावें वाह , रोना भी है मुझे गुनाह !
देख विषमता तेरी - मेरी , बजा रही तिस पर रणभेरी !
(क) यहाँ कवि कोयल की वेदना पूर्ण आवाज़ पर अपनी आशंका व्यक्त कर रहा है। अपनी प्रश्नात्मक शैली से कवि कोयल के कष्ट का अनुमान लगा रहा है। कवि ने विम्बात्मक शैली का प्रयोग किया है, भाषा में सहजता तथा सरलता है।
(ख) प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कवि ने अपने तथा कोयल के जीवन की विषमताओं की ओर संकेत किया है। कवि ने यहाँ तुकबंदी का प्रयोग किया है, अपनी तथा कोयल के जीवन की तुलना की है तथा सरल भाषा का प्रयोग किया है।