सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा ?
यहाँ सरसों के 'सयानी' होने का तात्पर्य उसकी फसल के पक जाने से है। अर्थात्, सरसों की फसल अब परिपक्व होकर कटने को तैयार है।
सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा ?
यहाँ सरसों के 'सयानी' होने का तात्पर्य उसकी फसल के पक जाने से है। अर्थात्, सरसों की फसल अब परिपक्व होकर कटने को तैयार है।