' चाँदी का बड़ा - सा गोल खंभा ' में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है ?

'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' से कवि का तात्पर्य नगर के सुख-सुविधा तथा स्वार्थपूर्ण जीवन से है, जिसे पाकर भी लोगों की इच्छाएँ खत्म नहीं होती हैं।

चाँदी के बड़े खंभे के माध्यम से कवि ने मानव प्रवृति का अत्यंत सूक्ष्म वर्णन किया है।

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