इस पाठ के आधार पर फ़ादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

फ़ादर कामिल बुल्के का व्यक्तित्व सात्विक था। ईश्वर के प्रति उनकी गहरी आस्था थी। एक लंबी पादरी के चोंगे से ढ़का हुआ शरीर था, गोरा रंग, सफ़ेद झाई मारती भूरी दाढ़ी, नीली आँखे थी। उनके हृदय में सभी आत्मीय जनों के लिए प्रेम था। वे वात्सल्यता की मूर्ति थे। हमेशा एक मंद मुस्कान उनके चेहरे पर झलकती थी, क्रोध उन्हें कभी नहीं आता था। दु:ख से विरक्त लोगों को वे सांत्वना के दो बोल बोलकर शीतलता प्रदान करते थे। भारत देश से उन्हें बहुत प्रेम था। उन्हें हिंदी भाषा से भी लगाव था। हिंदी में उन्होंने पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की थी तथा ब्लू बर्ड और बाइबिल का हिंदी अनुवाद भी किया था। हिंदी भाषा की उपेक्षा उनके लिए असह्य थी। बस इसी बात से उन्हें क्रोध करते हुए देखा जाता था। वैसे उनका व्यक्तित्व बहुत शांत तथा सुलझा हुआ था।

  • 1
What are you looking for?