वास्तविक धर्म-कर्म क्या है?

हम जिस पूजा पद्धति या संस्कारों का निर्वाह करते हैं, आज उसे धर्म कहा जाता है। यदि प्रश्न उठता है कि धर्म क्या है? तो धर्म पूजा पद्धित और संस्कारों से सर्वथा भिन्न है। धर्म के विषय में मनुष्य की सोच मात्र हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई नामों पर आकर रूक जाती है। लेकिन यदि सच्चाई पर गौर किया जाए, तो ये धर्म नहीं है। ये तो नाम हैं, जो हमें धर्म के मार्ग पर चलने के लिए हमारा मार्गदर्शन करते हैं। जब हम किसी मुसीबत में फंसे व्यक्ति की सहायता करते हैं, किसी के कष्ट को कम करते हैं, किसी के जीवन को नई दिशा देते हैं, किसी के दर्द का निवारण करते हैं, सत्य का निर्वाह करते हैं, सत्य की रक्षा करते हैं, देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करते हैं, किसी व्यक्ति के प्राणों की रक्षा के लिए जो बलिदान या कार्य करते हैं, ये सभी कार्य धर्म कहलाता है। धर्म मात्र इन कार्यों तक सीमित नहीं है। हमारे द्वारा किया गया हर वह अच्छा कार्य धर्म कहलाता है, जो पूरी मानवता जाति और पृथ्वी के अन्य जीवों की भलाई के लिए किया जाताहै। कम शब्दों में कहें, तो दूसरों की सेवा करना, दूसरों की सहायता करना ही वास्तविक धर्म ही है।

  • 2
What are you looking for?