"तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में" काअर्थ Share with your friends Share 0 Swarnlipi Chaudhary answered this मित्र इस पंक्ति में कवि कहना चाहता है कि वह सुख के दिनों में भी सिर झुकाकर ईश्वर को याद रखना चाहता है, वह एक पल भी ईश्वर को भुलाना नहीं चाहता। 0 View Full Answer