अतामत्रण मूल्य रूप से कोन सी लैंग्वेज में लिखी गयी हे और किसका द्वारा रुपंत्रित किया गया हे?

मित्र आत्मत्राण कविता रविन्द्रनाथ ठाकुर ने बंगला में लिखी थी। इसका हिन्दी अनुवाद हजारी प्रसाद द्विवेदी ने किया था। 

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