" जूठ और फरेब का रोज़गार करने वाले फल-फूल रहे है "
इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए 

मित्र इस पंक्ति के माध्यम से लेखक यह कहना चाहते हैं कि गलत कार्य करने वाले व्यक्ति निरंतर संपन्न होते जा रहे हैं। जो लोग अपने काम सिर्फ झूठ या धोखा देकर करते हैं। ऐसे लोगों के मान-सम्मान तथा धन-दौलत में निरंतर वृद्धि हो रही है। 

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