'होरी का गोदान हो गया है' से कया आशय है ( प्रेमचंद के फटे जूते)

गोदान नामक उपन्यास में होरी नामक पात्र था। उस पात्र की तीव्र इच्छा थी कि वह अपने घर में गाय पाले। परन्तु जब वह मरता है, तो उसके गोदान के लिए तक उसकी पत्नी के पास पैसे नहीं होते हैं। लेखक ने उसी पात्र की खराब दशा का वर्णन इन शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया है।

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