'क्या पूस की रात में नीलगाय हलकू का खेत चर गई' से कया आशय है ( प्रेमचंद के फटे जूते)

मित्र यह एक कहानी है जिसमें गरीब किसान बहुत मेहनत परिश्रम करके फसल खड़ी करता है और रात में गाय उसके खेत चर जाती है। प्रेमचंद उस किसान की मार्मिक दशा  का वर्णन किया है।

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