कवि इन पदों के द्वारा क्या कहना चाहते हैं?
मित्र कवि इन पदों में ईश्वर की भक्ति का गुणगान कर रहा है। वह कहता है कि उनके प्रभु सर्वव्यापक हैं। प्रभु की भक्ति के लिए बाहरी दिखावा, पूजा-पाठ आदि करने की आवश्यकता नहीं है। सच्चे मन से स्मरण करने वालों पर प्रभु अपनी कृपा हमेशा बनाए रखते हैं। इनका ईश्वर गरीबों आैर निम्न कुल के व्यक्तियों का भी उद्धार करता है।