धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को कैसे रोका जा सकता है?

चालाक लोग धर्म और ईमान के नाम पर सामान्य लोगों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण करते हैं तथा अपने स्वार्थ की पूर्ति करते हैं। वे धर्म के नाम पर दंगे-फसाद करवाते हैं। लोगों को एक-दूसरे से लड़वाते हैं। आज धर्म की आड़ में एक व्यापार चल रहा है। इसे रोकना अतिआवश्यक है। इसके लिए लोगों को धर्म के सही अर्थ और उसके तत्वों को समझना पड़ेगा। धोखेबाज़ धर्मगुरुओं के प्रति हमें जागरूक होना पड़ेगा और समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करना पड़ेगा। इसके लिए लोगों में शिक्षा का प्रसार करना आवश्यक है क्योंकि यह व्यापार अशिक्षा के कारण ही फल-फूल रहा है। हमें साहस करके और दृढ़ता से धर्म गुरूओं की पोल खोलनी चाहिए। 

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