गलोवल वार्मिंग के कारण ळतुऔ मे क्या परिवर्तन आए |

मित्र  आज पूरे संसार में ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। पूरे विश्व के वैज्ञानिक इस स्थिति से परेशान है। परन्तु इस स्थिति से निपटना उनके बस की बात नहीं रही है। हम मनुष्य ने अपनी सुविधाओं के नाम पर जो भी कुछ किया है, वह हमारे लिए खतरनाक सिद्ध हो रहा है। वाहनों, हवाई जहाजों, बिजली बनाने वाले संयंत्रों ( प्लांटस), उद्योगों इत्यादि से अंधाधुंध होने वाले गैसीय उत्सर्जन की वजह से कार्बन डाईऑक्साइड में वृद्धि हो रही है। इन गतिविधियों से कार्बन डाईऑक्साइड, मिथेन, नाइट्रोजन ऑक्साइड इत्यादि ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बढ़ रही हैं, जिससे इन गैसों का आवरण घना होता जा रहा है। यही आवरण सूर्य की परावर्तित किरणों को रोक रहा है, जिससे धरती के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। जंगलों का बड़ी संख्या में हो रहा कटाव भी इसकी दूसरी सबसे बड़ी वजह है। जंगल कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करते हैं, लेकिन इनकी अंधाधुंध कटाई से यह प्राकृतिक नियंत्रक भी नष्ट हो रहे हैं। वर्षा में अनियमितता आ गई है। जिसके कारण कभी सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है तो कभी बाढ़ आ जाती है। गर्मी बढ़ती जा रही है। ठंड का मौसम तो न के बराबर रह गया है। यदि जल्दी नहीं की गई तो हमारे जीवन पर भी सवालिया निशान उठ खड़ा होगा

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