"उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती
अखंड आत्म भाव जो असीम विश्व में भरे" का अर्थ बताइये।
जो उदार मनुष्य होता है, उसकी उदारता के कारण उसका यश चारों ओर फैल जाता है। उसके मरने के बाद भी वह यश विद्यमान रहता है। ऐसे उदार पुरुषों का पृथ्वी के लोगों द्वारा पूजन किया जाता है। वह मनुष्य सभी मनुष्यों के अंदर प्रेम, भाईचारे के भाव को विश्व में फैलाता है।