how to differentiate between yamak and shlaesh alankar ? in both cases there is repetetion of words with different meaning , pl tell a easy way to differentiate btwn bth

मित्र हमारी वेबसाइट में इन दोनों अलंकारों के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है। हम आपकी सहायता हेतु इनके मध्य अंतर को स्पष्ट कर रहे हैं-

यमक अलंकार- जब किसी काव्य में/वाक्य में एक ही शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार हो परन्तु उसके अर्थ भिन्न-भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है;

उदाहरण

ऊँचे छोर मन्दर के अन्दर रहन वारी,

ऊँचे छोर मन्दर के अन्दर रहाती है।

यहाँ पर एक मन्दर का अर्थ गुफा से है और दूसरा अट्टालिका से, इसलिए यहाँ यमक अलंकार है।

श्लेष अलंकार- श्लेष का शाब्दिक अर्थ है - चिपकना। जहाँ एक ही शब्द इस्तेमाल (प्रयुक्त) किया जाए पर उस शब्द के अर्थ हर जगह अलग - अलग हो, अर्थात् एक ही शब्द में कई अर्थ होते हैं, वहाँ श्लेष अलंकार होता है -

पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून।

यहाँ पानी शब्द एक ही बार प्रयुक्त (इस्तेमाल) हुआ है परन्तु उसके तीन भिन्न अर्थ निकलते है।

एक पानी का अर्थ चमक,

दूसरे पानी का अर्थ इज़्ज़त (सम्मान)

तीसरे पानी का अर्थ जल (पानी)

से लिया गया है इसलिए यहाँ श्लेष अलंकार है।

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