How to write samvad Lekhan ..what is it's format?
मित्र आपसी बातचीत को लिखना ही संवाद रचना कहलाता है। संवाद लेखन में आपको ध्यान रखना है कि वाक्य या कथन छोटे हों क्योंकि इससे कथन प्रभावशाली बनते हैं। सहज होने चाहिए अर्थात समझने में आने चाहिए। सबसे बड़ी बात कथन का शुद्ध होना आवश्यक है-
जैसे-
राम- पिताजी! आप किसलिए चिंतित हैं।
राजा दशरथ- पुत्र! मेरे दिए वचनों ने तुम्हारे जीवन को संकट में डाल दिया है।
राम- नहीं पिताजी! पिता के द्वारा दिए गए वचन का पालन करना एक पुत्र का कर्तव्य होता है।
राजा दशरथ- पुत्र! तुम्हारी यही बातें मेरे दुख को और कष्टकर बना देती है। तुम्हारी सरलता का यह इनाम मुझे लज्जास्पद स्थिति में डाले हुए है।
मित्र हमने यह संवाद स्वयं लिखे हैं। इसी तरह से आप भी लिख सकते हैं।