i cant understand 

मित्र आपको सर्वनाम में सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि सर्वनाम किसे कहते हैं। यदि हम इस शब्द का विच्छेद करते हैं, तो वह इस प्रकार है- सर्व (सबका) + नाम (नाम) अर्थात सबका नाम। मनुष्य ने स्वयं के लिए और इस संसार की प्रत्येक वस्तु का नाम रखा है। परन्तु जब बोलते समय बार-बार उसे नाम लेना कठिन लगने लगा, तब उसने सर्वनाम शब्दों का निर्माण किया। सर्वनाम शब्द किसी के भी नामों के स्थान पर लगाए जाते हैं। उदाहरण  के लिए देखो कैसे-

राम ने कहा कि वह कल नहीं आएगा। हम सब चाहते थे कि वह अवश्य आए। परन्तु उसके पापा ने उसे आने से मना कर दिया। तब मेरे पापा उसके पापा को समझाने गए। उनके समझाने पर वह मान गए।

अब नामों (संज्ञा) को लगाकर वाक्य को देखते हैं-

राम ने कहा कि राम कल नहीं आएगा। गोपाल, रोबी, गणेश, नील सब चाहते थे कि राम अवश्य आए। परन्तु राम पापा ने राम आने से मना कर दिया। तब गोपाल पापा राम पापा को समझाने गए। पापा समझाने पर पापा मान गए।

आपने देखा कि नाम को लगाने से वाक्य स्पष्ट भी नहीं हो रहे हैं और बात आपस में गड़मड़ हो गई है। सर्वनाम शब्द इसी गड़मड़ स्थिति को दूर कर वाक्य को सरल और समझने में आसान बनाते हैं। 

अतः इस आधार पर हम कह सकते हैं कि जो संज्ञा (नाम) के स्थान पर लगने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। 

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