I DID'NT UNDERSTAND THE RITHIVACHAK KRIYAVISHESHAN CAN YOU EXPLAIN ME IN SIMPLE WAY BECAUSE TOMMAROW IS MY EXAM  

मित्र सबसे पहले यह समझने का प्रयास करें कि क्रिया विशेषण किसे कहा जाता है। जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं उसे क्रिया विशेषण कहते हैं। अब रीतिवाचक क्रिया विशेषण को इसके अर्थ से समझने का प्रयास करें। रीति का अर्थ होता है बंधी-बधायी परीपाटी या कार्य के होने का तरीका। हर कार्य अपनी रीति से होता है। जैसे चाय बनाने का तरीका कई वर्षो एक सा ही है।

रीतिवाचक क्रिया विशेषण में इसी बात का ध्यान रखा जाता है।

उदाहरण के लिए देखिए-

रेलगाड़ी जब चलना आरंभ करती है, तो वह धीरे-धीरे गति पकड़ती है फिर तेज़ी से चलती है।

यदि हम कहेंगे कि रेलगाड़ी धीरे-धीरे चल रही थी। -तो हम क्रिया के होने का तरीका बता रहे हैं।

अन्य उदाहरण देखिए-

  1. तुम बेखटके वहाँ चले गए।  (इस वाक्य में क्रिया के होने का ढ़ग पता चल रहे है कि वह व्यक्ति बेखटके चला गया)
  2. राम एकदम चला गया। 
  3. श्याम अचानक बोल पड़ा।
  4. गाड़ी तेज़ चलाओ।

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