i didnt understand the lesson .please explain me in simple language without any hard words.

नमस्कार मित्र,

आपने हमारे द्वारा दिया पाठ का सारांश पढ़ा होता, तो आपको इस तरह की समस्या नहीं आती। हमारे द्वारा दिया गया सारांश सरल भाषा में लिखा गया है। वे इस प्रकार है-

'आश्रम का अनुमानित व्यय' पाठ में गांधी जी द्वारा साबरमती आश्रम के स्थापना की घटना का वर्णन मिलता है। इस पाठ में गांधी जी ने आश्रम के लिए ज़रूरी सामान इकट्ठा करने के लिए सूची तैयार की थी। वह आश्रम के लिए सभी आवश्यक चीजें खरीदना चाहते थे। उनका मनाना था कि आश्रम में रहने वालों को सारा काम स्वयं करना चाहिए। इससे आश्रम में ठहरे लोग किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होगें और उन्हें आश्रम के बाहर जाकर काम करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस तरह से आश्रम को दूसरों पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा, वह अपना खर्चा स्वयं उठा पायेगा। गांधी जी ने पूरे सोच-समझकर इस आश्रम के सामान का खाका बनाया था। इससे ज्ञात होता है कि वह कितने अनुभवी और कुशल व्यक्ति थे।  

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