i have got hindi holiday homework this summer...

the question says - Apne mitra ko uski mata ke akasmik nidhan ke bare me samvedan patra likhiya

can u please suggest me some points to write in the letter..

१२४/४४,

कीर्ति नगर,

नई दिल्ली।

दिनांक: ............ 

 

प्रिय कमला, 

नमस्कार! 

तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। तुम्हारी माताजी की अकस्मात मृत्यु की ख़बर पढ़कर अत्यंत दुख हुआ। तुम घर में सबसे बड़ी हो सो धैर्य के साथ अपने परिवार के सदस्यों को संभालना तुम्हारी ज़िम्मेदारी बनती है। आगे घर भी तुम्हें ही संभालना है। तुम्हारी माताजी बहुत ही स्नेही व दयालु स्वभाव की थीं। उनसे मुझे भी विशेष लगाव था। परन्तु मृत्यु के आगे किसी का भी ज़ोर नहीं चलता, यह सब ईश्वर की इच्छानुसार होता है। हर व्यक्ति जो इस संसार में आया है, उसको एक-न-एक दिन तो जाना ही पड़ता है। कुछ लोग जल्दी या कुछ लोग देर से जाते हैं। तुम्हें अपना जीवन नए सिरे से शुरु करना पड़ेगा। बड़ों की तरह बुद्धिमत्ता से घर के सभी कार्यों को करना और समस्याओं को सुलझाना भी पड़ेगा। 

आगे तुम समझदार हो, पिताजी एवं भाई को इस दुखद परिस्थिति में धीरज देना। इस दुख के समय मेरा तुम्हारे पास होना बहुत आवश्यक था। लेकिन किसी कारणवश में तुम्हारे साथ नहीं हूँ, इसके लिए क्षमा चाहती हूँ। मैं छुट्टियों में तुमसे आकर मिलूँगी। सभी बड़ों को प्रणाम एवं छोटों को प्यार कहना। 

तुम्हारी सखी, 

अरूणा

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1.sometimes we have to face such tragidies in life.I am always with u for any help.Now u must look forward for ur future.It's god's will ,no one can do anything.so do something special in life as a gift to ur mother.Lastly be brave and keep urself busy ok.God will help u.

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