I have some doubts in kriya. first, I could not understand the difference between purna and apurna kriya. also, I could not understand the difference between sayukt and naabhik kriya in sanrachna ke aadhar par. pls help me!!!
मित्र पूर्ण क्रिया का अर्थ है, वे क्रियाएँ जो वाक्य को पूर्ण करने में समर्थ हो उन्हें पूरक (पूरक ऐसे शब्दों का कहा जाता है जिनका प्रयोग करके क्रिया पूर्ण होती है) की आवश्यकता नहीं होती है। उदाहरण के लिए-
राम चल रहा है।
इस वाक्य में चल रहा है क्रियाएँ वाक्य को पूरा कर रही हैं। अन्य कोई पूरक शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है, इन्हें पूर्ण क्रिया कहा जाता है।
उसी तरह अपूर्ण क्रिया पूर्ण नहीं होती हैं। उनसे वाक्य पूरा नहीं होता है। जैसे- राम है।
इससे वाक्य में पूर्णता का अहसास नहीं हो रहा है। है अपूर्ण क्रिया कहलाती है। इसे पूरा करने के लिए पूरक शब्द की आवश्यकता होती है; जैसे-
राम ईमानदार है।
राम अच्छा है।
राम बुद्धिमान है।
मित्र आपका दूसरा प्रश्न स्पष्ट नहीं है। इसमें एक क्रिया का नाम गलत लिखा गया है। आपसे निवेदन है उसे दोबारा से लिखकर दें।