i need 5 suktis in hindi and their bhav arth(meaning or summary )too..

नमस्कार मित्र!

हम आपको कुछ सूक्तियाँ दे रहे हैं बाकी आप स्वयं ढूँढिए। आपके लिए कुछ सुक्तियाँ इस प्रकार हैं-


. बाधाएँ व्यक्ति की परीक्षा होती हैं। उनसे उत्साह बढ़ना चाहिए, मंद नहीं पड़ना चाहिए।


भावार्थ- जीवन मार्ग में यदि कठिनाइयाँ आएँ, तो हमें हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि यह हमारे लिए परीक्षा में बैठने के समान है। यदि हमने इन्हें सफलतापूर्वक पार कर लिया तो हम परीक्षा में सफल माने जाते हैं। अत: कठिनाई आने पर टूटना नहीं चाहिए।


. जंज़ीरें, जंज़ीरें ही हैं, चाहे वे लोहे की हों या सोने की, वे समान रूप से तुम्हें गुलाम बनाती हैं।

भावार्थ- गुलामी किसी भी रूप में आए, वह गुलामी ही कही जाती है; जैसे- सोने से बना पिंजरा पक्षी को कैद करने के काम आता है। वह पिंजरा पक्षी के गर्व और आनंद नहीं हो सकता है।


. वही उन्नति करता है, जो स्वयं अपने को उपदेश देता है।

भावार्थ- जो व्यक्ति स्वयं को ही समझाता है और सही गलत का भान कराता है, वही विकास कर पाता है। दूसरों को तो सब उपदेश देते हैं परन्तु स्वयं को उपदेश देना सदैव कठिन होता है।

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