i need summary of this poem plezzzzzzzzz help me

Hi,
 
गीत-अगीत कविता में का संक्षिप्त रूप इस प्रकार है-
 
प्रथम भाग में कवि नदी के बहने को उसके विरह के गीत मानता है मानो वह अपनी धारा से सबको अपना दुख व्यक्त कर रही हो। उसी प्रकार गुलाब का फुल भी यही सोचता है कि उसके पास स्वर होते तो वह सबको अपनी व्यथा सुनता। कवि को इसमें सुन्दर गीत की अनुभूति होती है। कवि सोचता है कि मनुष्य द्वारा गाये जाने वाला गीत सुन्दर है या प्रकृति द्वारा गाये जाने वाला यह गीत।
 
दूसरे में कवि एक तोता ऊँचे स्वर में गा रहा है व उसका गीत सुनकर तोती बहुत प्रसन्न है। कवि को इसमें सुन्दर गीत की अनुभूति होती है। कवि फिर यही सोचता है कि मनुष्य द्वारा गाये जाने वाला गीत सुन्दर है या तोते द्वारा गाये जाने वाला।
 
तीसरे में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को बुलाने के लिए गीत गा रहा है और प्रेमिका उसे सुनकर प्रसन्न है। कवि यही सोचता है कि मनुष्य द्वारा गाये जाने वाला गीत सुन्दर है या प्रकृति द्वारा गाये जाने वाला गीत।
 
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढेरों शुभकामनाएँ !

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