i want anuman aor kalpna,kahani se aage of hindi ls 17

पुस्तक में पाठ्य-क्रम में प्रश्नों को बनाते हुए यह ध्यान में रखा गया है कि छात्रों का उसमें अधिक-से-अधिक योगदान रहे। इसलिए प्रश्नों को अलग-अलग भागों में विभाजित कर दिया गया है। 'पाठ से आगे', 'कहानी से आगे' और 'अनुमान और कल्पना' ऐसे ही भाग हैं, जिनमें विद्यार्थियों का योगदान अधिक है। इन भागों में प्रयास किया गया है कि छात्र ने पाठ को पढ़ने के दौरान कक्षा में जो कुछ समझा और जाना है। उस ज्ञान का प्रयोग इन प्रश्नों का उत्तर देते समय करे। यह भाग विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता को निखारने और बढ़ाने के उद्देश्य से दिया जाता है।

विद्यार्थी पाठ से आगे, कहानी से आगे में अपनी समझ का प्रयोग करता है और अनुमान और कल्पना में अपनी कल्पना का प्रयोग करता है। वह जितना इनका प्रयोग करेगा, वह अपने पाठ तथा कहानी को और उसमें छिपे उद्देश्य को समझने में उतना ही दक्ष होता जाएगा। हम उनकी समझ और कल्पना कैसे बन सकते हैं? हर बच्चे की कल्पना अलग और समझने का तरीका भिन्न होता है। हम उन प्रश्नों के उत्तर देकर उसे एक ही बिन्दू पर सोचने पर मजबूर नहीं कर सकते हैं। हमारे देश में असंख्य छात्र हैं, तो हम कैसे उनकी समझ, कल्पना और विकास को रोक दें। यदि हम इन प्रश्नों के उत्तर देते हैं, तो छात्रों की इतनी बड़ी संख्या बस एक ही बिन्दू पर आकर रूक जाएगी। यह विकास नहीं होगा। और यह हमारा उद्धेश्य नहीं है। आपको यदि किसी भाग या प्रश्न का उत्तर देते हुए कठिनाई आ रही है, तो हमें बताइए हम आपकी सहायता करेंगे। परंतु आपका प्रयास करना बहुत आवश्यक है। आप जितना प्रयास करेंगे सफलता के करीब उतनी जल्दी जाएँगे।

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