i want (bhawarth) simplification of poem
Hi!
इस तरह से हम आपको इस काव्यांश का पूरा भावार्थ लिखकर नहीं दे सकते हैं। आपकी सहायता के लिए हम आपको शुरू की दो पंक्तियों का भावार्थ लिखकर दे रहे-
सुदामा एक लोगों के घर पूजा-पाठ करके अपनी जीविका चलाते थे परन्तु इससे उनके परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पाता था इसीलिए उनकी पत्नी ने उन्हें कृष्ण के पास सहायता के लिए भेज दिया।
(1) द्वारपाल ने सुदामा के आग्रह पर कृष्ण के आगे सुदामा का परिचय दिया की द्वार पर एक ब्राह्मण आया है। उसके सर पर ना ही पगड़ी है, न उसने कुर्ता पहन रखा है। किस गाँव से आया है यह भी पता नहीं है? उसकी धोती फटी हुई है और पैरों पर चप्पल भी नहीं है। वह दीन-हीन ब्राह्मण आपको पूछ रहा है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है।
(2) यह सुनते ही कृष्ण सुदामा को लेने गए। सुदामा के पैर काँटों के कारण लहुलुहान हो गए थे। अपने मित्र की की ऐसी बुरी दशा देखकर कृष्ण को बहुत दुख हुआ। । वह शिकायत करने लगे की तुम इतने समय के बाद मिलने क्यों आए पहले नहीं आ सकते थे। वह मित्र की बुरी दशा देखकर रोने लगे कवि कहता है कि ऐसा प्रतीत होता है की उन्होंने मित्र के पैरों को पानी के स्थान पर अपने आँसओं के जल से साफ किया है।
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
यदि आप और अधिक जानना चाहते हैं तो आप इसके लिए हमारी सदस्यता (Membership) ले सकते हैं। हमारी सदस्यता के लिए आप इन नम्बरों पर संपर्क करें 1-860-500556 या 011-40705070.
ढेरों शुभकामनाएँ !