i want essay in hindi on ghadi ki atmakatha
मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है-
मैं घड़ी हूँ। मेरा पहले का रूप आज से एकदम अलग था। पहले मैं धूप घड़ी थी। पहले लोग मुझे केवल सूरज की किरणें, वृक्ष की छाया और दिशा से पहचानते थे। आज मेरा रूप बदल चुका है। आज मैं यंत्र और उर्जा से चलती हूँ। मेरे अंदर बहुत से चक्र होते हैं जो एक नियंत्रित अवस्था में चलते हैं। संतुलित उर्जा से मैं टिक-टिक करती हुई सही समय बताती हूँ।
आपका उत्तर इस प्रकार है-
मैं घड़ी हूँ। मेरा पहले का रूप आज से एकदम अलग था। पहले मैं धूप घड़ी थी। पहले लोग मुझे केवल सूरज की किरणें, वृक्ष की छाया और दिशा से पहचानते थे। आज मेरा रूप बदल चुका है। आज मैं यंत्र और उर्जा से चलती हूँ। मेरे अंदर बहुत से चक्र होते हैं जो एक नियंत्रित अवस्था में चलते हैं। संतुलित उर्जा से मैं टिक-टिक करती हुई सही समय बताती हूँ।