i want summary of naagarjun poem of hindi

'यह दंतुरित मुसकान' कविता के माध्यम से कवि नागार्जुन ने अबोध बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को विभिन्न उदाहरणों के द्वारा प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। कवि को बच्चे की मुसकान बहुत प्यारी लगती है। एक पिता के लिए उसके बच्चे की मुसकान सबसे प्रिय होती है। कवि के अनुसार बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य में ही जीवन का सच्चा सुख छिपा होता है। इस मुसकान में ऐसा जादू है कि इसे देखकर कठोर स्वभाव का व्यक्ति भी अपनी कठोरता को छोड़ देता है। यह मुसकान तब और प्यारी हो जाती है, जब बच्चे की चंचल नज़रें भी उसके साथ जुड़ जाती है। कवि को ऐसा सुख कहीं ओर प्राप्त नहीं होता है।
'फसल' कविता फसल से जुड़े उस हर छोटे-बड़े तत्वों के योगदान का उल्लेख करती है, जिसे हम कभी देखते भी नहीं है। कवि के अनुसार फसल को तैयार करने में किसी एक के योगदान को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है। वह बहुत तत्वों के आपसी सहयोग के कारण खड़ी होती है। उसका सबसे बड़ा योगदान मिट्टी का है, जो उसको अपने अलग-अलग गुण धर्मों से स्वरूप देती है। उस किसान का है जो उसमें बीज डालता है और उसे अपने कड़े परिश्रम से आकार देता है। उस नदी का है, जो उसे पनपने के लिए जल देती है। सूरज की किरणों का है, जो उसे ऊर्जा देता है और उस हवा का है, जो खड़ी फसल में थिरकन देता है। उसके अनुसार यह फसल मनुष्य और प्रकृति के आपसी योगदान का साक्ष्य है।

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