if the kavvach kundall remained with karrnn and if he didnt told lie to parshuram what would happen
मित्र!
हमारे एक मित्र ने भी आपके प्रश्न का उत्तर दिया है। हम भी अपने विचार दे रहे हैं , आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
यदि कर्ण कवच और कुंडल दान में नहीं देता और ये दोनों वस्तुएँ कर्ण के पास होती हैं तो कर्ण बहुत शक्तिशाली हो जाता। कर्ण की हार असंभव होती। कर्ण कौरवों के साथ मिलकर पांडवों का वध कर देता और महाभारत का अंत पूरी तरह से कुछ ओर होता। इसी प्रकार यदि कर्ण परशुराम को सत्य बता देता तो परशुराम कभी भी कर्ण को अपना शिष्य नहीं बनाते और कर्ण कभी भी इतना शक्तिशाली योद्धा नहीं बन पाता। कर्ण सत्य बता देता तो परशुराम से कभी विद्या ग्रहण नहीं कर पाता।
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यदि कर्ण कवच और कुंडल दान में नहीं देता और ये दोनों वस्तुएँ कर्ण के पास होती हैं तो कर्ण बहुत शक्तिशाली हो जाता। कर्ण की हार असंभव होती। कर्ण कौरवों के साथ मिलकर पांडवों का वध कर देता और महाभारत का अंत पूरी तरह से कुछ ओर होता। इसी प्रकार यदि कर्ण परशुराम को सत्य बता देता तो परशुराम कभी भी कर्ण को अपना शिष्य नहीं बनाते और कर्ण कभी भी इतना शक्तिशाली योद्धा नहीं बन पाता। कर्ण सत्य बता देता तो परशुराम से कभी विद्या ग्रहण नहीं कर पाता।