IIS PHAT MEIN JO GRAMYA SANAKRITY KE GHALAK MILTE HA I WHA AAPKE AAS-PASS KE VATAWARAN SA KAISE BHIN HAI?
गाँव की संस्कृति में खेती-बाड़ी, सुबह प्रभाती का गायन, लोगों का मिलकर संध्या समय में भजन करना, सबका मिलकर गंगा स्नान को जाना आदि बातें शहरी जीवन से सर्वथा भिन्न है। शहर की संस्कृति में इन सब बातों के लिए स्थान नहीं है।