In panktiyon ka aashay spasht keejiye:
नदिया सींचे खेत को, तोता कुतरे आम । सूरज ठेकेदार-सा, सबको बाँटे काम । ।
कवि धार्मिक सद्भावना का संदेश बाँटते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार नदियाँ धर्म न देखकर सभी प्रकार की जाति तथा धर्म को मानने वाले लोगों में समान रूप से पानी का वितरण करती है और खेतों को सींचती है। तथा तोते भी आम के बाग में जाकर आम कुतरते हैं। वे यह नहीं देखते कि आम के बाग किस धर्म के हैं। उन्हें तो बस आम के बाग में आम से मतलब होता है, वैसे ही सूरज भी समान भाव से संसार के समस्त प्राणियों को जगाकर उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। हमें चाहिए इनसे सीख लें और धर्मिक भेदभाव को दूर करके सभी को अपना भाई ही समझें।