In the chapter diwano ki Hasti Kavi me diwano ki kya Hasti batai

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
इस कविता में कवि ने दीवानों को मस्तमौला रूपी हस्ती बताया है। इन्हें सुख-दुख, रिश्ते-नाते विचलित नहीं करते हैं। ये जीवन के मार्ग में दृढ़ भाव से बढ़ते चले जाते हैं।
 

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