is  chapter ka pratikarth kya hai

Hi!
लेखक ने इस कहानी के माध्यम से समाज से बहिष्कृत और उपेक्षित समझे जाने वाले वर्ग के दर्द को उजागर किया है वहीं उनके ह्दय में अपने देश के लिए असीम प्रेम व विदेशी शासन के प्रति क्षोभ और पराधीनता के जुए को उतार फेंकने की उत्कट लालसा और आज़ादी की लड़ाई में उनके योगदान को दर्शाया है। इस कहानी का प्रतिकार्थ यही है की देश के लिए भारत के हर धर्म, जाति, बहिष्कृत व उपेक्षित वर्ग ने अपना सहयोग दिया था जिससे लोगों ने हेय समझा था।
 
आशा करती हूँ कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढ़ेरों शुभकामनाएँ!

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