is kavya me prateek or bimb kon se v ko se line me hai
or ma'am mujhe vachya parivartan karna bataiye
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वाच्य परिवर्तन
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना :- किसी भी वाक्य को कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में बदलने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। ये नियम इस प्रकार हैं -
(i) कर्मवाच्य में बदलने के लिए कर्तृवाच्य के वाक्य में कर्ता के साथ करण कारक के विभक्ति चिह्न - 'से', 'के द्वारा' का प्रयोग किया जाता है; जैसे -
1. कर्तृवाच्य- नेहा ने खाना बनाया। (बदलने पर) कर्मवाच्य- नेहा के द्वारा खाना बनाया गया।
(ii) कर्तृवाच्य वाक्य के लिंग, वचन तथा कर्म क्रिया के अनुसार बदल दिए जाते हैं; जैसे –
कर्तृवाच्य- तुम खाना खाती हो। (बदलने पर) कर्मवाच्य-तुम से खाना खाया जाता है।
(iii) कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में परिवर्तित करने से क्रिया में आ, ई, ए, और या जोड़ना पड़ता है।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना :- कर्तृवाच्य से भाववाच्य में बदलने के लिए कुछ नियम हैं -
(i) भाववाच्य बनाते समय कर्ता के साथ करण कारक का विभक्ति-चिह्न 'से' अथवा 'के द्वारा' का प्रयोग किया जाता है।
(ii) कर्तृवाच्य वाक्य के लिंग, वचन तथा कर्म क्रिया के अनुसार बदल दिए जाते हैं।
उदाहरण –
कर्तृवाच्य | भाववाच्य | ||
1. | राम आज बहुत दुखी है। | 1. | राम से आज बहुत दुखी हुआ जा रहा है। |
2. | क्या वे खेलेगें? | 2. | क्या उनके द्वारा खेला जाएगा? |
3. | आओ, हम चलें। | 3. | आओ, हमसे चला जाए। |
(iii) कर्तृवाच्य को भाववाच्य में परिवर्तित करने से क्रिया में आ, ई, ऐ, और या जोड़ना पड़ता है।
उदाहरण –
कर्तृवाच्य- खुशबू तैर रही है। । (बदलने पर) भाववाच्य खुशबू द्वारा तैरा जा रहा है।
हमेशा यह याद रखो की कर्तृवाच्य में कर्ता प्रधान होता है तथा इसमें सकर्मक तथा अकर्मक दोनों ही प्रकार की क्रियाएँ होती हैं। कर्मवाच्य तथा भाववाच्य दोनों में ही करण कारक के परसर्ग - 'से' या 'के द्वारा' लगाया जाता है। कर्मवाच्य में क्रिया के साथ कर्म होता है अर्थात् सकर्मक क्रिया होती है तथा भाववाच्य में क्रिया के साथ कर्म नहीं होता है अर्थात् अकर्मक क्रिया होती है।
कविता की
दूसरी पंक्ति में
चौथी पंक्ति में
छठी पंक्ति में
सातंवीं पंक्ति में
आपके प्रश्न का उत्तर है।
मैं आशा करती हूँ कि आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
ढेरों शुभकामनाएँ !