The lesson is Kartoos and topi shukla thanks. its very urgent pls ...
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रात को अंग्रे जों के खेमे में कर्नल कालिंच और लेफ्ट िनेंट बात करते हैं | उनके वार्त ालाप में हमें पता चलता हैं की
- वे कई हफ्तों से वहा खेमा लगाये हुए हैं
- वजीर अली और रोबिन हूद एक से हैं क्यों कि दोनों ने अंग्रेजी शासको से बचकर भाग रहे थे |
- वजीर अली अवध का राजा था और उसके दरबार में उसने अपने राज्य को अंग्रेजी असर से बिल कुल पाक करने में तक़ रीबन कम ियाब हो गया था
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- आसिफ उद दौला वजीर अली के पिता थे|
- सआदत अली आसिफ उद दौला का भाई था और वजीर अली का दुश्मन | अवध का तख़्त पेहले सआदत अली का होने वाला था पर वजीर अली के पैदा होते ही उसे उसकी मौत दिखाई देने लगी |
- सआदत अली अंग्रेजो का दोस्त था | वह एक एश पसंद इन्सान था | वह तभी अवध के तख़्त पर भैठा था | उसे अंग्रेजो ने आधी जायदातऔर दस लाख नकद दिए थे |
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- आसिफ उद दौला वजीर अली के पिता थे|
- सआदत अली आसिफ उद दौला का भाई था और वजीर अली का दुश्मन | अवध का तख़्त पेहले सआदत अली का होने वाला था पर वजीर अली के पैदा होते ही उसे उसकी मौत दिखाई देने लगी |
- सआदत अली अंग्रेजो का दोस्त था | वह एक एश पसंद इन्सान था | वह तभी अवध के तख़्त पर भैठा था | उसे अंग्रेजो ने आधी जायदातऔर दस लाख नकद दिए थे |
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- टीपू सुल्तान ने अफ्घन - िस्तान के बादशाह शाहे-जमा को हिन्दो स्तान पर हमला करने की आमंत्रण दी फिर वजीर अली ने दिल्ली बुलाया और बड़ा खतर नाक बंगाल के नवाब का नस्बती भाई शम्सु द्दौला ने भी बुलाया था |
- पुरे हिंद स्तान में कंपनी के खिलाफ एक लहर दौड़ रहा था | लोर्ड वेलज़ली के हाथो सब खो सकते थे |
- वजीर अली चंद जबज और दमखम साथियों के साथ कर्नल के अंको में धुल झोंकता था |
- वजीर अली को पद से हटाने के बाद उसे बनारस पहुँचाया गया तिन लाख सालाना देकर उसे नौकरी पर रख लिया | थोड़े महीनो में उसे कलकाता तलब कर दिया | वह शिकायत करने वकील के पास गया जहां उसे वकील ने बुरा-भला सुना दिया |वजीर अली को वैसे भी अंग्रेजो के खिलाफ कूट कूटकर भरी थी उसने खंजर से वकील को मार दिया |
- वह अपने साथियों के साथ आजमगढ़ की तरफ भाग गया वहां के हुक्मरा ने हिफाजत कीऔर उसके बाद से वह घगरा के पास के जंगलो में भटक रहा था |
- वजीर अली नेपाल जाकर अपनी ताकत बढ़ाना चाहता था अौर अफ्घानी हमले के बाद अवध की गद्दी पर कब्ज़ा कर भारत से अंग्रेजो को भगाना चाहता था | पर वह कभी नेपाल न पहुँच पाया और अफ्घनी हमला कभी हुआ ही नहीं
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तभी सवार आता हैं | अकेले घोड़े पर सवार होने के बावजूद गर्द तो एक काफिले के आने की जितनी उड़ रही थी | सवार को देखकर लेफ् टिनेंट को सवार वजीर अली का आदमी लगता हैं जो उसे गिरफ्तार करवाने आया था | पर वह सवार सिर्फ कर्नल से बात करना चाहता था | कर्नल के साथ अकेले में सवार ने कई प्रश्न पूछे और आखिर में कारतूस वजीर अली को पकड़ने के लिए माँगा | आखिर में वह वजीर अली निकलता हैं |
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