It is derived from vasant ch 11 Rahim ke dohe class 7

Plzzzz answer

मित्र
 इन दोहों में बताई गई सच्चाई को यदि हम अपने जीवन में उतार लें, तो  हम भी  परोपकार  और जनहित के कार्य  करेंगे  जिस प्रकार वृक्ष कभी अपने फल नहीं खाते हैं और न ही सरोवर अपने जल को पीता है। उसी प्रकार हमें भी दूसरों के उद्धार के लिए  धन का संचय करना चाहिए। हम भी धरती की तरह सभी विपत्तियों को सहकर लोक हित में कार्य करेंगे।

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