It is told that kanyadaan kavita is in "shant" ras but why cant it be in biyof shringaar ras kr vatsalya ras... doesnt it show love and worry of mother towards her daughter??

मित्र!

आपका उत्तर इस प्रकार है-

कविता के पढ़ने और सुनने में जो आनंद प्राप्त होता है, उसे काव्य रस कहते हैं। काव्य रस से जो भाव उत्पन्न होता है, वह ही रस होता है। रस कविता की आत्मा को कहते हैं। कन्यादान कविता में बेटी को शादी के बाद विदा करते समय माँ के दुःख को दिखाया गया है। शृंगार रस प्रेम/रति या वियोग को दर्शाता है। बच्चों के ऊपर माता-पिता के प्रेम को वात्सल्य कहते हैं, किन्तु कविता का स्थाई भाव ये नहीं है।

  • 4
i dont know hindi
  • -3
What are you looking for?