jansankhya par Chinta karte karte hue Kisi prasidh Samachar Patra ke sampadak ko Patra likhiye
प्रिय मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
पता-----------------
दिनांक--------------
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
‘दैनिक लोक वाणी’,
हरी नगर, नई दिल्ली।
विषय—देश की समस्या - बढ़ती जनसँख्या के सम्बन्ध में पत्र।
महोदय,
मेरा नाम रमेश कुमार है। मैं आज एक ज्वलंत विषय पर आपके समक्ष अपने विचार रख रहा हूँ। आप कृपया इसे अपने `जनमत` कालम में छापें। भारत में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। कुछ वर्षों बाद जनसंख्या गणना में भारत संसार में प्रथम नंबर में होगा। सीमित प्राकृतिक संसाधनों की छीना-झपटी चल रही होगी। जनसंख्या वृद्धि से लोगों के रहने की समस्या पैदा हो रही है। पहले जहाँ 4 लोग रहते थे वहाँ अब 8 लोग हो गए हैं। इससे रहने का स्थान छोटा पड़ने लगा है। लोगों को रहने के लिए घर चाहिए। घर बनाने के लिए लोगों ने वनों की कटाई आरंभ कर दी। कृषि भूमि पर घर बनाएंगे, तो कृषि कैसे करेंगे? महोदय, जनसंख्या वृद्धि लगातार हो रही है। इससे संसाधनों पर भी फर्क पड़ता है। यदि समय रहते हमने कोई उचित कदम नहीं उठाया, तो शीघ्र ही जनसँख्या विस्फोट होगा।
आपका समाचार पत्र प्रत्येक वर्ग में लोकप्रिय है। मेरा अनुरोध है आप अपने समाचार-पत्र में इस विषय पर लिखें। मैं लोगों के भीतर जागरूकता का प्रचार करना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि आपका समाचार-पत्र इस नेक कार्य में अग्रणी भूमिका निभाए।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रमेश कुमार
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
पता-----------------
दिनांक--------------
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
‘दैनिक लोक वाणी’,
हरी नगर, नई दिल्ली।
विषय—देश की समस्या - बढ़ती जनसँख्या के सम्बन्ध में पत्र।
महोदय,
मेरा नाम रमेश कुमार है। मैं आज एक ज्वलंत विषय पर आपके समक्ष अपने विचार रख रहा हूँ। आप कृपया इसे अपने `जनमत` कालम में छापें। भारत में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। कुछ वर्षों बाद जनसंख्या गणना में भारत संसार में प्रथम नंबर में होगा। सीमित प्राकृतिक संसाधनों की छीना-झपटी चल रही होगी। जनसंख्या वृद्धि से लोगों के रहने की समस्या पैदा हो रही है। पहले जहाँ 4 लोग रहते थे वहाँ अब 8 लोग हो गए हैं। इससे रहने का स्थान छोटा पड़ने लगा है। लोगों को रहने के लिए घर चाहिए। घर बनाने के लिए लोगों ने वनों की कटाई आरंभ कर दी। कृषि भूमि पर घर बनाएंगे, तो कृषि कैसे करेंगे? महोदय, जनसंख्या वृद्धि लगातार हो रही है। इससे संसाधनों पर भी फर्क पड़ता है। यदि समय रहते हमने कोई उचित कदम नहीं उठाया, तो शीघ्र ही जनसँख्या विस्फोट होगा।
आपका समाचार पत्र प्रत्येक वर्ग में लोकप्रिय है। मेरा अनुरोध है आप अपने समाचार-पत्र में इस विषय पर लिखें। मैं लोगों के भीतर जागरूकता का प्रचार करना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि आपका समाचार-पत्र इस नेक कार्य में अग्रणी भूमिका निभाए।
धन्यवाद सहित,
भवदीय
रमेश कुमार