jhaag bhare jharne moti si ladiyon jaise kyu lagte hain?
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
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बहुत दूर से बहते हुए झरनों को देखें, तो वह ऐसे प्रतीत होते हैं मानो कोई सफ़ेद मोतियों की माला हो। इसलिए कवि ने ऐसा कहा है कि झाग भरे झरने मोतियों की लड़ी के समान लगते हैं। यह कवि मन की कल्पना है, जो बहते झरने को मोतियों की लड़ी के समान देखता है।