Jhen ki den ki full summary
मित्र
'झेन की देन' भाग में लेखक 'झेन' से प्रेरित हैं। जापानी लोगों ने अपनी संस्कृति में बदलाव नहीं किए हैं। यही संस्कृति उनके जीवन को नई गति, ताज़गी और शांति प्रदान करती है। 'झेन' जापान के लोगों की चाय पीने की एक पद्धति है। इसमें कुछ समय गुज़ारकर जापानी लोग अपनी व्यस्तता से भरे जीवन में शांति और चैन के क्षण पा लेते हैं। चाय पीते समय लेखक ने जो भी अनुभव किया है, वह उस अनुभव से अन्य भारतीयों को भी परीचित कराना चाहते हैं। इस चाय पद्धति में वातावरण में इतनी शांति छुपी है, जो उन्हें जीवन की हर चिंता से मुक्त कर देती है। भूत, भविष्य और वर्तमान को मिथ्या साबित कर जीवन के महत्व को दर्शाती है। झेन के कारण लेखक स्वयं को सभी कालों से मुक्त पाता है।
'झेन की देन' भाग में लेखक 'झेन' से प्रेरित हैं। जापानी लोगों ने अपनी संस्कृति में बदलाव नहीं किए हैं। यही संस्कृति उनके जीवन को नई गति, ताज़गी और शांति प्रदान करती है। 'झेन' जापान के लोगों की चाय पीने की एक पद्धति है। इसमें कुछ समय गुज़ारकर जापानी लोग अपनी व्यस्तता से भरे जीवन में शांति और चैन के क्षण पा लेते हैं। चाय पीते समय लेखक ने जो भी अनुभव किया है, वह उस अनुभव से अन्य भारतीयों को भी परीचित कराना चाहते हैं। इस चाय पद्धति में वातावरण में इतनी शांति छुपी है, जो उन्हें जीवन की हर चिंता से मुक्त कर देती है। भूत, भविष्य और वर्तमान को मिथ्या साबित कर जीवन के महत्व को दर्शाती है। झेन के कारण लेखक स्वयं को सभी कालों से मुक्त पाता है।