jivan ke prati raman ki kya samajh th??.i have my exam tmrw pls answer
मित्र रामन् एक जिज्ञासु व्यक्तित्व के बालक थे। बचपन से ही वे विज्ञान के रहस्यों के प्रति आकर्षित होते थे तथा उन्हें सुलझाने के लिए बेचैन रहते थे। वे एक साधारण जीवन-शैली में विश्वास करते थे। उनका मानना था कि मनुष्य को हमेशा हर चीज़ को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। उन्होंने अपना संंपूर्ण जीवन शोधकार्यों में समर्पित कर दिया।