Jivan Ko kacche dhage ke samaan kyu Maana Gaya hai

मित्र जीवन को कच्चे धागे के समान इसलिए माना गया है क्योंकि यह धागा कभी भी टूट सकता है। जब तक सांसों की डोर है तब तक यह जीवन है। सांस बंद होते ही जीवन खत्म हो जाता है। यह शरीर नाशवान है। इसका साथ कभी भी जीवन छोड़़ सकता है।

  • 0
What are you looking for?