kabir das aur meera bai ki janam aur mrityu ki date , unki rachnae aur bhasha shelli...

कबीरदास का जन्म काशी में 1398 ई. में हुआ था तथा मृत्यु 1518 ई. के करीब मगहर में मानी जाती है।

इनकी एकमात्र रचना बीजक मानी जाती है। जिसे इनके शिष्यों द्वारा संग्रहित किया गया था। इनकी भाषा सुधक्कड़ी भाषा के रूप में जानी जाती है। इसमें फारसी, खड़ी बोली, भोजपुरी, पंजाबी तथा ब्रज भाषा का मिश्रण मिलता है। इसी कारण यह खिचड़ी नाम से भी प्रसिद्ध है। कबीरदास की बाषा सरल एवं सहज है। इनकी भाषा आंलकारिक है। बीजक मुक्तक शैली में लिखा गया है। कबीर की रचनाएँ रहस्यवाद से ओतप्रोत हैं। मीरा बाई का जन्म संवत 1505 में जोधपुर में हुआ था तथा मृत्य 1560 ईं के करीब हुई थी। इनकी रचनाओं में बंसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद और राम सोरठ के पद हैं। इनकी भाषा राजस्थानी मिश्रित भाषा है। गुजराती में भी इनकी कई रचनाएँ पाई जाती हैं। ब्रज भाषा का भी प्रभाव इनकी भाषा में विद्यमान है। मीरा की भाषा भक्ति के गुण से ओतप्रोत है। इनकी भाषा सहज, मधुर एवं सरल है।

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