kabir ka chapter mai sakhiya ka arth samjhaiye

साखियों में कबीर ने मनुष्य को प्रत्यक्ष ज्ञान देने का प्रयास किया है। साखी का अर्थ ही होता है प्रत्यक्ष ज्ञान। कबीर जी चाहते थे कि मनुष्य के अंदर अज्ञान के अंधेरे को हटाकर ज्ञान का प्रकाश जगाया जाए। वह जानते थे कि यह ज्ञान लोगों को समझाना कठिन है। अत: उन्होंने ज्ञान से युक्त साखियों का निर्माण किया। ये साखियाँ साधारण जन भाषा में थी, इससे लोगों को ज्ञान समझ आने लगा। अत: इन्हें साखी कहा जाने लगा। जिस ज्ञान के द्वारा मनुष्य का अज्ञान समाप्त हो जाए तो उसे साखी कहते हैं।  

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