Kabir ka sakiya ..

उत्तर :- 

1. प्रस्तुत दोहा कबीर का है । 
2. धीरे-धीरे सबकुछ होता है । अर्थात समय आने पर ही कुछ भी घटित होता है । 
3. उपर्युक्त दोहे का संदेश है कि सबकुछ अपने समय पर ही होता है । हमारे धैर्य ना रखने से कुछ भी जल्दी नहीं हो सकता है । यह ठीक उसी प्रकार है अगर सौ घड़ों से भी वृक्ष को सींचे तब भी उसमें फल ऋतु आने पर ही आते हैं । 
4. फल ऋतु आने पर ही होते हैं अर्थात उनका निश्चित समय आने पर ही वृक्षों में फल लगते हैं । 

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