Kabir Kahate Hain ki pustak padhne se vastvik Gyan ki Prapti Nahin Hoti kya aap is Baat Se sahmat Hain uttar dijiye
मित्र कबीर कहते हैं कि पुस्तक पढ़ने से वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। हम उनकी बात से सहमत हैं। शिक्षा मनुष्य को योग्य बनाती है। उसे जीविका के साधन दिलाती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हम अपने अनुभव के महत्व को नकार दें। जीविका उपार्जन के क्षेत्र में शिक्षा अधिक प्रभावशाली होती है। मगर हमें वास्तविक ज्ञान की अनुभूति हमारे अनुभव से होते है, जो किसी पुस्तक में नहीं लिखा होता है। बड़ी-बड़ी पुस्तके पढ़ने से मनुष्य का केवल बौद्धिक ज्ञान बढ़ता है, उसका वास्तविक ज्ञान सच्चे प्रेम से बढ़ता है। नैतिक और निर्मल आचरण से बढ़ता है।