Kabir ke dohon ki prasangikta spasht kijiye.(5 marks)

मित्र कबीर जी ने उस समय में अपनी साखियों या दोहो में जो शिक्षाएँ दी हैं यदि उन्हें देखा जाए, तो वह आज के समाज में आज भी सही बैठती हैं। उस समय के समाज में अज्ञानता, जातियाँ तथा धार्मिक भेदभाव, क्रोध, हिंसा आदि सामाजिक बुराइयाँ विद्यमान थी। कबीर ने उन बुराइयों पर अपनी साखियों के माध्यम से प्रहार किया और समाज को चेताने का प्रयास किया। आज भी हमारे समाज की वैसी ही दशा है। युग बदल गए हैं। परन्तु मनुष्य में विद्यमान ये बुराइयाँ आज भी वैसी की वैसी बनी हुई हैं। इसलिए कबीर की साखियाँ आज भी उतनी प्रभावी हैं, जितनी पहले हुआ करती थी। आज उनके रचियता नहीं है परन्त अपनी साखियों के माध्यम से वह समाज को चेता रहे हैं और उन्हें स्वयं को सही मार्ग पर ले जाने के लिए मार्गदर्शन कर रहे हैं। 

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