kabir ne kis prakar ki brahm ki aradhana ki hai
मित्र !
आपका उत्तर इस प्रकार है-
कबीर भक्तिकाल के कवि हैं। उन्होंने निर्गुण और निराकार ब्रह्म की आराधना की है। कबीर ने गुरुजनों को ब्रह्म के रूप में माना है। ब्रह्म का रूप उन्होंने गुरु में देखा है। ब्रह्म की साधना पूरी करने के लिए संत कबीर ने प्रतीकों का सहारा लिया है। उन्होंने समाज को ईश्वर भक्ति का रास्ता दिखाया है।
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कबीर भक्तिकाल के कवि हैं। उन्होंने निर्गुण और निराकार ब्रह्म की आराधना की है। कबीर ने गुरुजनों को ब्रह्म के रूप में माना है। ब्रह्म का रूप उन्होंने गुरु में देखा है। ब्रह्म की साधना पूरी करने के लिए संत कबीर ने प्रतीकों का सहारा लिया है। उन्होंने समाज को ईश्वर भक्ति का रास्ता दिखाया है।