kaise kaha ja sakta hai ki raidas bhakt kavi ke sath sath ek samaj sudharak sant bhi the
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
रैदास अपनी रचनाओं के माध्यम से बताते हैं कि भगवान के लिए सभी समान है। वह ऊँच-नीच, अमीर-गरीब, जात-पात इत्यादि नहीं देखते हैं। उनके लिए भक्ति प्यारी है, मनुष्य नहीं है। इस तरह वह लोगों को बताना चाहते हैं कि हमें ऊँच-नीच, अमीर-गरीब तथा जात-पात से कुछ नहीं होता है। हमें समानता का भाव रखना चाहिए।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
रैदास अपनी रचनाओं के माध्यम से बताते हैं कि भगवान के लिए सभी समान है। वह ऊँच-नीच, अमीर-गरीब, जात-पात इत्यादि नहीं देखते हैं। उनके लिए भक्ति प्यारी है, मनुष्य नहीं है। इस तरह वह लोगों को बताना चाहते हैं कि हमें ऊँच-नीच, अमीर-गरीब तथा जात-पात से कुछ नहीं होता है। हमें समानता का भाव रखना चाहिए।